वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१८ मई, २०१८<br />अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नोएडा<br /><br />गीत:<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />और भी कुछ याद आता हैं..<br />याद आता हैं<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />और भी कुछ याद आता हैं..<br />याद आता हैं<br />आज का अपना प्यार नहीं हैं<br />आज का अपना प्यार नहीं हैं<br />जन्मो का यह नाता हैं..<br />यह नाता हैं<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br /><br />ओ प्यार के कातिल प्यार के दुश्मन<br />लाख बनी यह दुनिया दीवानी<br />ो हमने वफ़ा की राह ना छोड़ी<br />हमने तोह अपनी हार ना मानी<br />उस मोड़ से भी हम गुजरे है<br />जिस मोड़ पे सब लुट जाता है..<br />लुट जाता हैं<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />और भी कुछ याद आता हैं..<br />याद आता हैं<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br /><br />एक तेरे बिना इस दुनिया की<br />हर चीज अधूरी लगती है<br />तुम पास हो कितने पास मगर<br />नजदीकी भी दुरी लगाती है<br />प्यार जिन्हे हो जाए उन्हें<br />कुछ और नज़र कब आता हैं..<br />कब आता हैं<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />और भी कुछ याद आता हैं..<br />याद आता हैं<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br /><br />मर के भी कभी जो ख़त्म ना हो<br />यह प्यार का वह अफ़साना हैं<br />तुम भी तोह हमारे साथ चलो<br />तोह हमको वह तक जाना हैं<br />वह झूम के अपनी धरती से<br />आकाश जहा मिल जाता हैं..<br />मिल जाता हैं<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />और भी कुछ याद आता हैं..<br />याद आता हैं<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों<br />तुमसे मिलकर ना जाने क्यों.<br /><br />संगीतकार: लता मंगेशकर<br /><br />प्रसंग:<br />अनुकम्पा क्या है?<br />अनुकम्पा किसे मिलता है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते